उसने कहा कैसे हो….?

उसे कसकर सिने लगाकर मैंने कहा थोड़ी तकलीफ़ है तुम बिन, थोड़ा गम है तुम बिन, थोड़ी परेशानियाँ है तुम बिन,,,, बाकी सब ठीक है ….!!! चंद मुश्किलें हैं तुम बिन, थोड़ी उलझन है तुम बिन, थोड़ी बेचैनियाँ है तुम बिन,, बाकी सब ठीक है. …..!!! बस जी रहे हैं हम तुम बिन, या यूँContinue reading “उसने कहा कैसे हो….?”

हाथ रखना❤️

वो प्रेम करती है तुम्हें उसे सदा अपने साथ रखना उदास दिखे कभी तो होले से हाथ पर हाथ रखना उसके दुःख में उसके लोगों के हाथ बंध जाएं गर तो उसके लिये तुम खुले अपने दोनों हाथ रखना यूँ तो वो मुसीबत में कमजोर नहीं पड़ती है पर दिखें आंसू कभी तो आँखों परContinue reading “हाथ रखना❤️”

माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं!

जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,जो हासिल है,चल उस से ही सवाल करें !! बहुत दूर तक जाते है, याँदो के क़ाफ़िले,फिर क्यों पुरानी याँदो मे सुबह से शाम करें । माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं,पर क्यों दिल की धड़कनों को दर-किनार करें!! मिल ही जाएगा जीने का कोई नया बहाना,आContinue reading “माना इक कमी सी है,जिंदगी थमीं सी हैं!”

मैं जिंदगी हूँ !

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वराहों पे मेरी गुनगुना रही थी,फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थीएक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थीहम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,मैंने पूछ लिया- क्यों इतनाContinue reading “मैं जिंदगी हूँ !”

दुःख

ना जाने ये कैसा डर है ना जीने देता है, ना मरने दे रहा है ये वक्त भी मेरे खिलाफ हो गया है। मुझेसे हर एक नाता तोड़ रहा है फिर भी मैं हार नहीं मानूंगा अपने कदमों को आगे बढ़ाता रहूंगा जब तक मेरी सांसो में जान है मैं अपनी ख्वाहिशों के लिए लड़ताContinue reading “दुःख”

शाम की तरह हम ढलते जा रहे है

शाम की तरह हम ढलते जा रहे है,बिना किसी मंजिल के चलते जा रहे है।लम्हे जो सम्हाल के रखे थे जीने के लिये ,वो खर्च किये बिना ही पिघलते जा रहे है। धुये की तरह विखर गयी जिन्दगी मेरी हवाओ मैं,बचे हुये लम्हे सिगरेट की तरह जलते जा रहे है। जो मिल गया उसी काContinue reading “शाम की तरह हम ढलते जा रहे है”

मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर

तू जिंदगी को जीउसे समझने की कोशिश न कर सुंदर सपनो के ताने बाने बुनउसमे उलझन की कोशिश न कर चलते वक्त के साथ तु भी चलउसमें सिमटने की कोशिश न कर अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस लेअंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर मन में चल रहे युद्ध को विराम देखामख्वाहContinue reading “मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर”

जिंदगी की इस आपाधापी में

जिंदगी की इस आपाधापी में,कब जिंदगी की सुबह से शाम हो गई,पता ही नहीं चला। कल तक जिन मैदानों में खेला करते थे,आज वो मैदान नीलाम हो गए,पता ही नहीं चला। कब सपनों के लिए,सपनों का घर छोड़ दिया पता ही नहीं चला।

किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा है….

जिंदगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जा रहे हैं..कोई तोहफा ना मिला आज तक, और आज फूल ही फूल दिए जा रहे हैं…तरस गए थे हम किसी एक हाथ के लिए, और आज कन्धे पे कन्धे दिए जा रहे थे….दो कदम साथ चलने को तैयार ना थाContinue reading “किसी शायर ने मौत को क्या खूब कहा है….”

Design a site like this with WordPress.com
Get started