सीखता गया मैं अपनी हर ठोकर से
ना रुका कभी ना झुका कही
यह एक नई शुरुआत है
ना कभी ठहरा कही
बस आगे बढ़ते रहे हम
यह एक नई शुरुआत है…

सीखता गया मैं अपनी हर ठोकर से
ना रुका कभी ना झुका कही
यह एक नई शुरुआत है
ना कभी ठहरा कही
बस आगे बढ़ते रहे हम
यह एक नई शुरुआत है…
